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राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 7 अगस्त 2021, National Handloom Day 7 August 2021: 7th National Handloom Day on August 7, 2021.

 

National Handloom Day 7 August 2021: 7th National Handloom Day on August 7, 2021. 

First National Handloom Day was inaugurated by Prime Minister Narendra Modi on August 7, 2015 in Chennai.

राष्ट्रीय हथकरघा दिवस (National Handloom Day) 7 अगस्त 2021: 7 अगस्त 2021 को 7वां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस  (National Handloom Day 2021)। 

7 अगस्त 2015 को चेन्नई में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 2021 (National Handloom Day 2021का उद्घाटन किया था।


राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 7 अगस्त 2021, National Handloom Day 7 August 2021: 7th National Handloom Day on August 7, 2021.



इस वर्ष, भारत भारतीय हथकरघा उद्योग की विरासत को प्रदर्शित करने और देश भर के बुनकरों को सम्मानित करने के लिए सातवें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 2021 (National Handloom Day 2021को चिह्नित करेगा।

National Handloom Day 2021 : सिल्क सिटी के बुनकरों से संवाद करेंगे केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, हैंडलूम दिवस (National Handloom Day 2021) पर वे बुनकरों में उत्साह भरेंगे। 

दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुबह 11 बजे से बिहार में पांच स्थानों से जुड़ेंगे। 


नई दिल्ली: भारत में हर साल 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जाता है। इस दिन, सरकार और अन्य संगठन हथकरघा बुनाई समुदाय को देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में उनके अपार योगदान के लिए सम्मानित करते हैं। यह दिन भारत की अपनी गौरवशाली हथकरघा विरासत की रक्षा करने और आजीविका सुनिश्चित करने के लिए अधिक से अधिक अवसरों के साथ बुनकरों और श्रमिकों को सशक्त बनाने की पुष्टि का भी प्रतीक है। इस दिन को मनाने के लिए, कपड़ा मंत्रालय नई दिल्ली के कन्वेंशन सेंटर में एक समारोह आयोजित करेगा।


राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 2021 (National Handloom Day 20217 अगस्त 2021: इस दिन को मनाने के लिए, कपड़ा मंत्रालय नई दिल्ली के कन्वेंशन सेंटर में एक समारोह आयोजित करेगा।


राष्ट्रीय हथकरघा दिवस (National Handloom Dayक्यों मनाया जाता है?

देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 अगस्त 2015 को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस (National Handloom Day) के रूप में घोषित किया। आज पुरे सात वर्ष हो गये  है जब देश  मे राष्ट्रीय हथकरघा दिवस (National Handloom Day 2021) मनाएगा और इस दिन 7वां  राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 2021 (National Handloom Day 2021) मनाया जायेगा

यह दिन न केवल भारत की समृद्ध हथकरघा विरासत का जश्न मनाता है बल्कि एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना का भी जश्न मनाता है। 7 अगस्त, 1905 को, स्वदेशी आंदोलन - भारत के स्वतंत्रता संग्राम में कई आंदोलनों में से एक - कलकत्ता टाउन हॉल में शुरू किया गया था, जो बंगाल के विभाजन के ब्रिटिश सरकार के फैसले के खिलाफ एक प्रदर्शन था। इसके अलावा, आंदोलन ने घरेलू उत्पादन को पुनर्जीवित करने, स्वदेशी उद्योगों को प्रोत्साहित करने और स्वदेशी की भावना पर ध्यान केंद्रित किया। आंदोलन में बड़ी संख्या में हथकरघा बुनकरों ने भाग लिया।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 अगस्त 2015 को चेन्नई में पहले राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का उद्घाटन किया। जबकि दिल्ली इस वर्ष के समारोह की मेजबानी कर रहा है, पिछले कुछ वर्षों में वाराणसी, गुवाहाटी, जयपुर और भुवनेश्वर में इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। 

शुक्रवार, 6 अगस्त को, कपड़ा मंत्रालय ने कहा कि सरकार हथकरघा क्षेत्र के सतत विकास को सुनिश्चित करने, हथकरघा बुनकरों और श्रमिकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उनके उत्कृष्ट शिल्प कौशल पर गर्व करने के उपाय कर रही है। इसने आगे कहा कि कोवलम, तिरुवनंतपुरम, केरल में तीन हथकरघा शिल्प गांव; मोहपारा गांव, जिला गोलाघाट, असम; और कनिहामा, बडगाम, श्रीनगर, संबंधित राज्य सरकारों के सहयोग से स्थापित किए जा रहे हैं। इन गांवों के होने का उद्देश्य घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए आकर्षण सुनिश्चित करना और क्षेत्र के प्रसिद्ध हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों को बढ़ावा देना है।


राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 2021 (National Handloom Day 2021): पीएम मोदी, ऐतिहासिक जुड़ाव और विरासत

प्रधानमंत्री मोदी ने 7 अगस्त 2015 को पहले राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का उद्घाटन किया |


भारत में हर साल 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 2021 (National Handloom Day 2021) मनाया जाता है। इस दिन, सरकार और अन्य संगठन हथकरघा बुनाई समुदाय को देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में उनके अपार योगदान के लिए सम्मानित करते हैं। यह दिन भारत की अपनी गौरवशाली हथकरघा विरासत की रक्षा करने और आजीविका सुनिश्चित करने के लिए अधिक से अधिक अवसरों के साथ बुनकरों और श्रमिकों को सशक्त बनाने की पुष्टि का भी प्रतीक है। 


यूथ का राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 2021 (National Handloom Day 2021) में महत्वपूर्ण योगदानः Youth’s National Handloom Day 2021 Significant Contribution To Handloom

यूथ के बीच हैडलूम प्रॉडक्ट को पॉपुलर बनाना है, हैंडलूम यूथ की पसंद को ध्यान में रखते हुए डिजाइनिंग पर अत्यधिक फोकस करना होगा.

  1. इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को भारतीय हथकरघा के समृद्ध इतिहास से अवगत कराना है क्योंकि वर्तमान युग में सिंथेटिक कपड़ों ने कपड़ा उद्योग को अपने कब्जे में ले लिया है। इसलिए, यह दिन भारत के समृद्ध कपड़े और रंगीन बुनाई का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है।
  2. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें कुछ कदम उठाने होगें ताकी इसे फैशनेबल बनाया जा सके.
  3. हमें इसे भारत और दुनिया में फैशन का केंद्र बनाना होगा.
  4. कपड़े, पर्दे, बैडशीट, टेबल कवर और अन्य घरेलू जरुरत के सामान में हैडलूम प्रोडक्ट का इस्तेमाल किया जाता है तो इसका फायदा हैडलूम कारीगरों को बहुत मिलेगा.
  5. फिल्मों के जरिए हैंडलूम प्रोडक्ट का प्रचार सबसे ज्यादा हो सकता है.


राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 2021 (National Handloom Day 2021हैंडलूम बुनकरों का सम्मान (Handloom Weavers Are Honored)

सामाजिक,आर्थिक विकास के लिए देश में हैंडलूम बुनकरों का सम्मान करने के लिए हर साल 7 अगस्त को राष्ट्रीय हैडंलूम दिवस मनाया जाता है और भारत के हथकरघा उध्धोग को बढ़ावा देने का भी प्रयास किया जाता है. भुवनेश्वर को हथकरघा की अपनी समृध्द परंपरा के लिए इस दिवस के समारोह स्थल के रुप में चुना गया है.


7 अगस्त 2015 को चेन्नई में मद्रास विश्वविद्यालय की शताब्दी के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रथम राष्ट्रीय हथकरघा दिवस  First National Handloom Day 2021 का उध्दाटन किया था.

  1. इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को भारतीय हथकरघा के समृद्ध इतिहास से अवगत कराना है| 
  2. वर्तमान युग में सिंथेटिक कपड़ों ने कपड़ा उद्योग को अपने कब्जे में ले लिया है। इसलिए, यह दिन भारत के समृद्ध कपड़े और रंगीन बुनाई का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है।
  3. हथकरघे की समृध्द परंपरा के कारण भुवनेश्वर को मुख्य आयोजन ओडिशा के भुवनेश्वर में किया गया.
  4. महिलाओं और बालिकाओं को सशक्त बनाने का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय हथकरघा दिवस है.
  5. इसका उद्देश्य घरेलू उत्पादों एवं उत्पादन प्रक्रियाओं पर ध्यान केंद्रित करना है, व देश के सामाजिक आर्थिक विकास में हथकरघे का योगदान और बुनकरों की आमदनी में वृध्दि करना है.
  6. 1905 में इसी दिन कलकत्ता टाऊन हॉल में स्वदेशी आंदोलन आरंभ किया गया था ब्रिटिश सरकार व्दारा किये जा रहे बंगाल विभाजन का विरोध करने के लिए राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रुप में इस दिन को चुना गया था.
  7. प्रत्येक वर्ष 7 अगस्त को भारत के हथकरघा उध्दोग पर रोशनी डालने के लिए मनाया जाता है.

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